| Vigyan Aur Ved | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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आदिकाल से मानव का शिक्षा से गूढ़ सम्बन्ध रहा है तथा उसे प्रकृति के रहस्यों को समझने की जिज्ञासा भी रही है। इस कारण जो कुछ भी विशुद्ध ज्ञान मानव ने अर्जित किया है, उन सबको विज्ञान की श्रेणी में ही रखा जाता है। वस्तुतः विज्ञान शब्द का अभिप्राय उस विशिष्ट ज्ञान से है, जो क्रमबद्ध एवं सूत्रबद्ध ढंग से प्राप्त किया जाता है। भारत में विज्ञान लेखन का सूत्रपात भी प्राचीन भारतीय वैदिक ग्रंथों से ही माना जाता है। किसी भी ज्ञान-विज्ञान को आम आदमी तक पहुँचाने में भाषा का बड़ा योगदान होता है तथा सरल हिन्दी भाषा में लिखा साहित्य ही जनमानस की जिज्ञासा को शांत करता है। इसी उद्देश्य को ट्टष्टिगत रखते हुए मैंने लेखक ने विज्ञान और वैद विषयक पुस्तक का लेखक कार्य किया है। जिससे लोंगों को वेदों में निहित विज्ञान की कुछ जानकारी हो सके, स्वदेशी विज्ञान को प्रचार-प्रसार हो सके,पशिचमी संस्कृति का शमन हो सके एवं हमारी वेदों के प्रति निष्ठा का प्रादुर्भाव हो सके। ऐसा विश्वास है कि यह पुस्तक वैज्ञानिक समुदाय के लिए विशेषतः उपादेय होगी। इस पुस्तक में वेदों में निहित विज्ञान के विविध विषयों, यथा - भौतिकी, रसायन विज्ञान, विज्ञान की ट्टष्टि में ब्रह्म, आत्मा माया, गणित एवं कृषि विज्ञान, मौसम विज्ञान, वायु, जल, एवं अग्नि का वैज्ञिानिक स्वरूप एवं बहुपयोगिता, भारतीय परंपराओं की वैज्ञानिकों एवं जन साधारण को इस विषयक यथेष्ट जानकारी सरल भाषा में प्राप्त हो सके।
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| Table of Contents | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
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उपाद्घात 1. वेद एवं उनका महत्व वेदों का बहुआयामी महत्व संस्कृत साहित्य में विज्ञान 2. विज्ञान की ट्टष्टि में ब्रह्म, आत्मा एवं माया 3. विज्ञान और वेद का सामंजस्य आधुनिक विज्ञान और बल 4. विज्ञान एवं पुरुष स्वरूप आधुनिक विज्ञान के अनुसार कण क्वार्क माॅडल 5. कृषिविज्ञान एवं वेद मिट्टी के रंग खाद का उपयोग गाय के गोबर का वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व रासायनिक उर्वरकों से घटती पौष्टिकता फसल सुरक्षा एवं कीट नियंत्रण सस्य क्रियाओं के द्वारा नियंत्रण समन्वित खेती का प्रचलन वराहमिहिर, पराशर तथा कश्यप का भारतीय कृषि में योगदान (500-900 ई.) वराहमिहिर (499-628 ई. के मध्य) कृषि आचार्य पराशर मुनि का योगदान कश्यप मुनि 6. गणितविज्ञान एवं वेद अक्षरांक और शब्दांक दशमलवांक प्रणाली शून्य का अविष्कार शून्य का स्वरूप शब्दांक पद्धति द्विधारी अंक पद्धति शून्य एवं अनन्त गणित विज्ञान हेतु यजुर्वेद के महत्वपूर्ण मंत्र वैदिक काल में पाई का मान बीजगणित रेखागणित 7. अग्नि का वैज्ञानिक स्वरूप वैश्वानर अग्नि अग्नि की व्यापकता एवं विराट् रूप वैदिक ऋषि अथर्वा विश्व के प्रथम वैज्ञानिक वृक्षादि से अग्नि जल के मंथन से अग्नि भूगर्भीय या पुरीष्य अग्नि विद्युत पृथिवी पृथिवी की आकर्षण शक्ति ज्वार भाटा संबंधी सूचना 8. वायु का विज्ञान एवं वेद में स्वरूप मरुतों की चुम्बकीय शक्ति ईशान कोण एवं विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र एवया-मरुत् वायु का यांत्रिक उपयोग भरद्वात ऋषि विमान के प्रथम निर्माता आकाश तत्व 9. शब्द की महत्ता एवं उसका विज्ञान अनाहत नाद आहत नाद शब्दों की महत्ता शब्द का महाभूतों पर विशद् प्रभाव शब्दों से रोगोपचार शंख ध्वनि में रोग निवारण क्षमता भारतीय संगीत का वनस्पतियों एवं पशुओं पर प्रभाव वाद्य यंत्रों में शब्द विज्ञान स्वर एवं स्थायी भाव संगीत एवं अध्यात्म 10. रसायन विज्ञान एवं वेद वेद एवं अकार्बनिक रसायन आठ महारस 11. वनस्पति विज्ञान एवं वेद लोक परम्पराओं में दिव्य वनस्पतियाँ ग्रहों एवं नक्षत्रों की रशिमयों को आकर्षित करने वाली वनस्पतियाँ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करने वाली वनस्पतियाँ नक्षत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली वनस्पतियाँ तांत्रिक वनस्पतियाँ दिव्य वनस्पतियों की अनुसंधान संभावनाएं वेदों में वन एवं वृक्षों के संरक्ष्ण के निर्देश 12. भूगर्भ - विज्ञान एवं वेद पृथ्वी में प्राकृतिक गैस समुद्र में खजाना 13. मौसमविज्ञान एवं वेद बादलों का निर्माण बादलों की रचना और वृष्टि मित्र और वरुण वृष्टिकर्ता मेघों का निर्माण (गर्भाधान, पुष्टि और प्रसव) मौसम विज्ञान वायु का महत्त्व, वायु-विवेचन मेघ और वर्षा वर्ष-प्रमाण (वर्षा का जल मापना, त्ंपद.हंनहमद्ध) शीघ्र वर्षा के लक्षण ओला, तुषार, हिम आदि 14. जल का वैदिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण जल के भेद एवं गुणवत्ता जल से ही सृष्टि की उत्पत्ति जल की औषधिय उपयोगिता जल स्त्रोतों को ढूंढने में दीमक का योगदान वृक्षों से जल का ज्ञान वैदिक ग्रंथों में जल की प्रदूषण से रक्षा पुराणों आदि में प्रदूषण निवारण 15. विज्ञान एवं हमारी पुरातन परंपराएं शंख ध्वनि दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना करधनी पहनना यज्ञोपवीत धरण करना संध्योपासना स्नान करना बिन्दी लगाना भारतीय परंपरा में हाथ मिलाना अनुचित एवं रोग कारक विभिन्न प्रकार के संसर्गज रोग हाथ जोड़कर अभिवादन की सुरक्षित परंपरा 16. भारतीय वैदिक संस्कृति एवं पर्यावरण प्रबंधन यज्ञ - पर्यावरणीय प्रदूषण का अचूक समाधान 17. यज्ञ का वैज्ञानिक स्वरूप एवं बहुतयोगिता आधुनिक विज्ञान एवं यज्ञ आधुनिक विज्ञान के मूलभूत कण एवं यज्ञ स्थायी कण अस्थायी कण प्रजापति एवं यज्ञ यज्ञ में प्रयुक्त द्रव्यों के गुणधर्म एवं उनका विवेचन समिधा धृत अन्य सामग्री मिष्ट पदार्थ यज्ञ की विविध क्षेत्रों में उपयोगिता विदेशी वैज्ञानिकों की दृष्टि में यज्ञोपचार यज्ञ एवं वायु प्रदूषण वायु के विभिन्न घटकों पर यज्ञीय प्रभाव यज्ञ से वर्षा 18. प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक चरक भरद्वाज सुश्रुत पुनर्वषु आत्रेय जीवक वाग्भट्ट माधवाकार दृद्धबल भावमिश्र शालिहोत्र कपिल पतंजलि नागार्जुन वृंद आर्यभट्ट वराहमिहिर रेवण ब्रह्यगुप्त श्रीधराचार्य महावीराचार्य भास्कराचार्य संदर्भित ग्रंथ |
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