View Book Details
Vanaspati Aushadh Vighyan (A Complete Book of Indian Medicinal Herbs) (Hindi)
Vanaspati Aushadh Vighyan (A Complete Book of Indian Medicinal Herbs) (Hindi)
R.K. Bhutya
ISBN : 9788172334765 Book Format : Book
E-ISBN : 9789387913400 Binding : Hard Bound
Language : Hindi Edition : 1
Imprint : Scientific Publishers © Year : 2007
Pages : 347 Trim Size : 8.75 x 11.25
Weight : 1400 Gms
Print Book ₹1,950.00
Individual E Book ₹3,185.00
Institutional E Book Price available on request
Blurb

प्रस्तुत पुस्तक उन व्यक्तियों के लिये अति उपयोगी है जिनकी आयुर्वेद एवं भारतीय औषध द्रव्यों में रूचि है। आयुर्वेद के स्नातकों, आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ-साथ उन सभी व्यक्तियों के लिये भी उपयोगी है जो विभिन्न जड़ी बूटियों को जानने समझने में रूचि रखते हैं।

अपने आस पास खेत, खलिहानों में, उद्यानों में एवं आस पास के जंगलों में बहुमूल्य आयुर्वेदिक औषधियाँ पाई जाती है, जिनका आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत अधिक प्रयोग होता है। जानकारी के अभाव में हम इन्हें खरपतवार समझकर नष्ट कर देते हैं या चारे के रूप में जानवरों को खिला देते हैं यदि हम इन्हें जान, समझ पायें तो इनका लाभ उठाकर चिकित्सा में प्रयोग करके काफी धनराशि बचा सकते हैं, अथवा इनसे औषधों का निर्माण करके रोगियों को दे सकते हैं। इससे धन की बचत के साथ साथ अच्छी कार्य क्षमता एवं गुणवत्ता की औषधियाँ भी प्राप्त होगी।

इन दिनों यह अनुभव किया जा रहा है कि आयुर्वेदिक औषधियाँ अत्यधिक महंगी हो गई है और इनकी लागत और विक्रय मूल्य में 10 से 20 गुना तक अन्तर आ रहा है, जबकि आयुर्वेद की चिकित्सा जनता इसलिये लेती है कि यह सस्ती होती है या चिकित्सालय में निःशुल्क मिलती है।

प्रस्तुत पुस्तक में आयुर्वेद में प्रयुक्त किये जाने वाले और भारत में पाये जाने वाले विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों का सम्पूर्णता से वर्णन, रंगीन चित्र सहित किया गया है। वनस्पतियों का हिन्दी, संस्कृत, स्थानीय एवं लेटिन नामों के साथ-साथ उनकी फैमिली एवं प्रकारों के नाम भी दिये गये हैं। वनस्पतियों के स्वरूप जैसे वृक्ष, लता आदि तथा तना, पत्र, पुष्प, फल इत्यादि का सम्पूर्णता से वर्णन किया गया है। इनके उत्पत्ति स्थान, प्रयोग में आने वाले अंग, औषधीय मात्रा, गुणकर्म, विभिन्न रोगों में उपयोग एवं व्यवहारिक रूप से रोगों में प्रयोग के लिये योग दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त लताओं, वृक्षों और क्षुपों की पृथक से सूची, कण्टकयुक्त वनस्पतियों की सूची, मिलती जुलती औषधियों की सन्दिग्धता निवारण, चरक, सुश्रुत संहिता में वर्णित रोगों के औषध समूह, विभिन्न स्रोतस की दृष्टि में उपयोगी औषधियां एवं आधुनिक मतानुसार रोग व लक्षणों में प्रयोज्य औषधों की सूची दी गई है।

वर्तमान समय हर्बल औषधियों का युग है। अतः भारतवर्ष की समस्त औषधियों की पहचान व गुणधर्म से परिचित होने के लिये यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।

Table of Contents

1. चरक संहिता
2. सुश्रुत संहिता
3. अष्टांग हृदय
4. काष्यप संहिता
5. भावप्रकाष निघण्टु - चुनेकर
6. द्रव्य गुण विज्ञान - प्रियव्रत शर्मा
7. गावों में औषधरत्न - कालेड़ा
8. चक्रदत्त
9. अभिनव बूटी दर्पण - रूपलाल वैष्व
10. द्रव्य गुण विज्ञान - यादव जी
11. आयुर्वेद का प्राण वनोषधि विज्ञान - शान्तिकुंज
12. अरावली के वन्य वृक्ष - डी.एन.पाण्डे
13. सुधानिधि के वनोषधि विषेषांक - 7 भाग
14. धन्वन्तरि पत्रिका के वनोषधि अंक
15. षालिग्राम निघन्टु
16. वनौषधि चित्रावली - दिनेषचन्द - भाषाभवन मथुरा
17. औषधिय व सुगन्धित पौधे - सडमेप भोपाल
18. वृहत बूटी प्रचार
19. हाड़ौती क्षैत्र की प्रमुख औषधियाँ व उनके उपयोग - डा. एन.के. शर्मा एवं डा. एल.के. दाधीच
20. भ्ंदक ठववा व िडमकपबपदंस च्संदजे . च्तंरंचंजप. श्रवकीचनत
21. प्दकपंद डमकपबपदंस च्संदजे. ठण्क्ण् टंेन
22. ॅमंसजी व िप्दकपं इल ब्वदण् ब्ीवचतं
23. सिद्ध भैषज्य मणिमाला
24. भैषज्य रत्नावली
25. रसतन्त्रसार एवं सिद्ध प्रयोग संग्रह-कालेड़ा
26. जीवनीय शक्तिवर्धक अष्टवगर्प ादप - दिव्ययोगमंि दर, कनखल

This is computer generated document and does not require signature

Scientific Publishers
Date :- Sun May 18 2025