Jaivik Kheti Ke Sidhant Pathya Pustak | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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प्रस्तुत पुस्तक “जैविक खेती के सिद्धान्त: पाठ्यपुस्तक“ देश के विष्वविद्यालयों में अध्यनरत कृषि स्नातक के छात्रों के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के पांचवी अधिष्ठाता कमेटी द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम के अनुरूप मातृ भाषा हिन्दी में लिखी गई है। जैविक खेती पर अंग्रेजी भाषा में अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं, परन्तु हिन्दी भाषा पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तकें नगण्य ही हंै इसी को ध्यान में रखते हुए यह पुस्तक बहुत ही संक्षिप्त व सरल भाषा में लिखी गई है ताकि विधार्थियों को विषय को समझने में कोई कठिनाई नही हो। इस पुस्तक में जो अध्याय सम्मिलित किये गये हैं वे हैं जैविक खेती एक परिचय, भारत में जैविक कृषि प्रोत्साहन, जैविक पारिस्थितिकी तंत्र एवं अवधारणा, जैविक पोषक तत्व संसाधन व उनका प्रबन्धन, कीट एवं व्याधि प्रबन्धन, खरपतवार प्रबन्धन, जैविक उत्पादन प्रमाणीकरण प्रक्रिया एवम् मानक, जैविक उत्पाद प्रसंस्करण एवम् लेबलिंग, जैविक खेती की आर्थिक व्यहार्यता, जैव उत्पाद विपणन एवं निर्यात संभावनाएं। पुस्तक में कठिन विषयों को उदाहरणों, प्रयोगों व प्रतीकान्मक चित्रों द्वारा सरल सुबोध बनाने का यथासंभव प्रयास किया गया है। |
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Table of Contents | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1.प्राक्कथन |
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