प्रस्तावना
प्राक्कथन
1. सटीक कृषि
1.1 परिचय
1.2 अवधरणा
1.3 साधन एवं तकनीक
1.3.1 साधन
1.3.2 तकनीक
1.3.2.1 भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS)
1.3.2.2 भौगोलिक सूचना तंत्र के अवयव
1.3.2.3 भौगोलिक सूचना तंत्र के साॅफ्रटवेयर
1.3.2.4 भुगतान के आधर पर प्राप्त होने वाले साॅफ्रटवेयर
1.3.2.5 निशुल्क रूप से उपलब्ध साॅफ्रटवेयर
1.3.2.6 भौगोलिक सूचना तंत्रा कार्य प्रणालीः सिद्धान्त
1.3.3 सुदूर संवेदन प्रणाली
1.3.4 परिवर्तनीय दर तकनीक (Variable rates Technique)
1.3.4.1 परिवर्तनीय दर तकनीक के अनुप्रयोग एवं लाभ
1.4 भारतीय कृषि के सन्दर्भ में सटीक कृषि की उपयोगिता
पाठ-मूल्यांकन
2. विकिरण तथा इसके मूलूलभूतूत सिद्धांत
2.1 तरंग
2.2 तरगों की विशेषता
2.3 ऊर्जा
2.3.1 यांत्रिक ऊर्जा
2.3.2 गतिज ऊर्जा तथा स्थितिक ऊर्जा
2.4 ऊर्जा संरक्षण का सिध्दांत
2.4.1 ऊर्जा का परिवहन
2.4.2 विद्युत चुम्बकीय उर्जा
2.4.3 विद्युत चुम्बकीय विकिरण की विशेषताएं
2.5 ऊर्जा का स्थानांतरण
2.5.1 चालन
2.5.2 संवहन
2.5.3 विकिरण
2.6 सौर विकिरण (Solar Radiation)
2.7 सौर स्थिरांक
2.7.1 सौर विकिरण के मौलिक सिद्धांत
2.8 प्रत्यक्ष एवं विसरित सौर विकिरण
2.8.1 वैश्विक एवं विसरित सौर विकिरण
2.8.2 कुल सौर विकिरण (Total Solar Radiation)
2.9 प्रकाश का परावर्तन
2.10 विकिरण के नियम
2.10.1 प्लांक का नियम
2.10.2 स्टेपफाॅन वोल्जमान नियम
2.10.3 वीन का नियम
2.10.4 किरचाँफ का नियम
2.11 श्याम पिंडों से उत्पन्न विकिरण का नियम
2.12 विद्युत चुम्बकीय विकिरण का सुदूर संवेदी में उपयोग
2.13 /koyrk;(Albedo)
पाठ्य मूल्यांकन
3. उपग्रह
3.1 अवधरणा
3.2 उपग्रह कक्षा
3.2.1 पृथ्वी के निम्न कक्षा के उपग्रह
3.2.2 पृथ्वी के माध्यम कक्षा के उपग्रह
3.2.3 पृथ्वी के उच्च कक्षा के उपग्रह
3.3 कृत्रिम उपग्रह
3.3.1 कृत्रिम उपग्रह के उपयोग
3.4 भारत में उपग्रह प्रक्षेपण संस्थान
3.5 उपग्रह और कक्ष (Satellites and Orbits)
3.5.1 भू-समकालिक कक्षाएँ
3.5.2 ध्रुवीय या ध्रुवीय कक्षाओं के पास (Polar or near polar orbits)
3.5.3 सूर्य-समकालिक कक्षाएँ (Sun-synchronous orbits)
3.6 उपग्रह कक्षाओं की विशेषताएँ
3.6.1 कक्षीय अवधि
3.6.2 ऊँचाई
3.6.3 एपोजी (Apogee) और पेरिजी (Perigee)
3.6.3 झुकाव
3.7 उपग्रहीय संवेदक
3.7.1 प्रकाशीय इमेजिंग संवेदक
3.7.2 गर्मी सम्बन्ध् अवरत्तफ इमेजिंग संवेदक
3.7.3 रडार इमेजिंग संवेदक
3.7.4 एक पुश-ब्रूम स्कैनर
3.8 उपग्रह चित्रों के प्रकार
3.8.1 अनुरूप और अंकीय डिजिटल छवियाँ (Analog and Digital Amages)
3.8.2 बहुपरत चित्रा (MultilayerAmage)
3.8.3 बहु व्रर्णक्रमीय छवि (MultispectralAmage)
3.8.4 सुपर स्पेक्ट्रल छवि (Super spectralAmage)
3.8.5 अतिसुक्ष्म वर्णक्रमीय छवि (Hyperspectral Amage)
3.8.6 सुदूर संवेदी प्रतिबिम्बीय प्रणाली एवं कैमरा फोटोग्राफी (Remote Sensing Imaging System and Camera Photography)
3.9 पिक्सेल(Pixels)
3.9.1 तीव्रता मूल्य
3.10 तात्कालिक क्षेत्रा (IFOV)
3.11 वनस्पति संकेत (Vegetation Indices)
3.11.1 वनस्पति संकेत के वर्णक्रमीय बैंड
3.12 वर्णक्रमीय हस्ताक्षर (Spectral signature)
3.13 विभिन्न प्रकार के सूचकांक
3.13.1 सामान्यीकृत अंतर वनस्पति सूचकांक ;छक्टप्द्ध
3.13.2 संवधर््ित वनस्पति सूचकांक (The Enhanced Vegetation Index)
3.13.3 सामान्यीकृत अंतर जल सूचकांक (Normalized Difference Water Index)
3.13.4 मृदा समायोजित वनस्पति सूचकांक (SAVI)
3.13.5 अनुकूलित मृदा समायोजित वनस्पति सूचकांक (OSAVI)
3.13.6 मृदा-समायोजित कुल वनस्पति सूचकांक (Soil-Adjusted Total Vegetation Index)
3.13.6 उन्नत वनस्पति सूचकांक (The Advanced Vegetation Index)
पाठ्य मूल्यांकन
4. सुदूर संवेदन
4.1 परिचय
4.2 अवधरणा
4.3 सुदूर संवेदन के आवश्यक अवयव
4.4 साधन
4.4.1 सुदूर संवेदी के प्रकार
4.5 पैमाना एवं मानचित्राण इकाई
4.6 रिजाॅल्यूशन
4.6.1 स्थानिक रिजाॅल्यूशन (Spatial resolution)
4.6.2 वर्णक्रमीय रिजाॅल्यूशन (Spectral Resolution)
4.6.3 रेडिओमेट्रिक रिजाॅल्यूशन (Radiometric resolution)
4.6.4 सामयिक रिजाॅल्यूशन (Temporal resolution)
4.7 सुदूर संवेदी प्लेटफाॅर्म
4.8 संकेत से शोर अनुपात (Signal-to-Noise Ratio)
4.9 स्थानिक, वर्णक्रमीय और रेडियोमेट्रिक रिजाॅल्यूशन के बीच विनिमय (Trade-offs between Spatial, Spectral and Radiometric Resolution)
4.10 प्रतिबिम्ब प्रसंस्करण (Image processing)
4.10.1 पूर्व प्रसंस्करण (pre-processing)
4.10.2 प्रतिबिम्ब रूपांतरण (Image Transformation)
4.10.3 प्रतिबिम्ब वर्गीकरण और विश्लेषण (Image classification and analysis)
4.11 प्रतिबिम्ब विश्लेषण उपकरण/साॅफ्रटवेयर (Image analysis tools/softwares)
4.12 सुदूर संवेदन प्रणाली का अनुप्रयोग
4.13 आंकड़ों का एकत्राीकरण, संग्रहण, स्थानिक व्यवस्थापन और वितरण
पाठ्य मूल्यांकन
5. भू-सूचना
5.1 परिचय
5.2 भू-सूचनाः ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
5.3 अवधरणा
5.4 भू-सूचना के अवयव
5.4.1 कंप्यूटर विज्ञान
5.4.2 जिओडेसी
5.4.3 कार्टाेग्राफी
5.4.4 फोटोग्रामेट्री
5.4.4.1 पफोटोग्रामेट्री की उपयोगिता
5.4.5 सुदूर संवेदन प्रणाली
5.4.6 भौगोलिक स्थानिक प्रणाली
5.4.7 भौगोलिक सूचना प्रणाली
5.5 भू-सूचना उत्पाद
5.6 भू-सूचना की बहु-विषयक प्रकृति
5.7 भू-सूचना के व्यवहारिक अनुप्रयोग
5.8 सटीक कृषि में भू-सूचना की उपयोगिता
पाठ-मूल्यांकन
6. भौैगोेलिक सूचना प्रणाली
6.1 परिचय
6.2 अवधरणा
6.3 भौगोलिक सूचना प्रणाली के अवयव
6.4 भौगोलिक सूचना प्रणाली के विभिन्न क्षेत्रो
6.5 स्थानिक आंकड़ों का पुनप्रदर्शन
6.5.1 स्थानिक आंकडें
6.5.2 गुणात्मक (Attribute data)
6.5.3 मेटाआंकडें (Metadata)
6.6 भौगोलिक सूचना प्रणाली के कार्य (GIS Functions)
6.7 भौगोलिक सूचना प्रणाली के साॅफ्रटवेयर
पाठ्य मूल्यांकन
7. भूमंडलीय स्थानिक प्रणाली
7.1 परिभाषा एवं परिचय
7.2 उद्देश्य
7.3 अंतरिक्ष आधरित जीपीएस प्रणाली
7.4 भूमंडलीय स्थानिक प्रणाली: कार्य प्रणाली
7.5 भूमंडलीय स्थानिक प्रणाली के अवयव
7.6 जी.पी.एस. कैसे कार्य करता है?
7.6.1 त्रिकोणासन(Triangulation or trilateration)
7.7 जीपीएस माप में त्राुटियां
7.7.1 विभेदक /डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS)
7.8 जीपीएस का व्यवहारिक उपयोग
7.8.1 सटीक कृषि में जीपीएस का अनुप्रयोग
7.9 जीपीएस अनुप्रयोग की सीमाएं
पाठय मूल्यांकन
8. फसल अनुरूपण माॅॅडल
8.1 फसल माॅडल
8.1.1 फसल माॅडल
8.1.2 अनुरूपण
8.1.3 फसल अनुरूपण माॅडल
8.2 अवधरणा
8.3 फसल अनुरूपण माॅडलिंग के अवयव
8.3.1 माॅडल की इनपुट फाइलें
8.3.2 माॅडल की आउटपुट फाइलें
8.4 फसल माॅडलिंग का क्षेत्र
8.5 फसल माॅडलिंग का इतिहास
8.6 फसल माॅडल के विभिन्न प्रकार
8.7 फसल माॅडल के व्यवहारिक विभाजन
8.8 फसल सिमुलेशन माॅडलिंग
8.9 विश्व स्तर पर प्रचलित विभिन्न प्रकार के पफसल सिमुलेशन माॅडल के वर्ग
8.10 माॅडल के प्रमुख उप-अंक (Subroutines of the Model)
8.11 आदान आकडों की पफसल माॅडलिंग के लिए आवश्यकता
8.12 माॅडलिंग के विभिन्न चरण
8.12 माॅडल चलाने के लिए आवश्यक इनपुट आंकडें फाइलें (Input files of the Model)
8.13 अंशांकन और सत्यापन
8.14 परिशोधन ;अंशांकन, मूल्यांकन और सत्यापनद्ध
8.15 मान्यकरण
8.16 माॅडल अनुप्रयोग
8.17 कृषि मौसम विज्ञान में फसल विकास माॅडल का उपयोग
8.18 सीमाएं(Limitations)
पाठ्य मूल्यांकन
9. भू-सूचूचना विज्ञान
9.1 भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियाँ (Geospatial technologies)
9.2 भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों (जियो स्पेसियल टेक्नोलाॅजीज) के कृषिगत उपयोग
9.3 भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी की सटीक कृषि में भूमिका
9.4 भारत में भू स्थानिक प्रौद्योगिकियों की स्थिति
9.5 फसल और उनका प्रकाश परावर्तन
9.6 फसल पहचान
9.7 फसल के प्रकार का वर्गीकरण (Crop Type Discrimination)
9.8 फसल उपज निगरानी
9.9 उपज निगरानी के मौलिक तत्व
9.9.1 द्रव्यमान प्रवाह (Mass Flow) संवेदक
9.9.2 नमी संवेदक
9.9.3 जीपीएस संग्राहक
9.10 उपज मानचित्राण की अवधरणा
9.11 पफसल उपज अनुमान
9.12 मृदा मानचित्राण प्रक्रिया
9.13 मृदा मानचित्राण और वैज्ञानिक विधि
9.14 मिट्ट के नक्शे
9.14.1 ऐतिहासिक दृष्टिकोण
9.14.2 हवाई तस्वीरें
9.14.3 समकालीन दृष्टिकोण
9.15 मौजूदा मृदा मानचित्रों पर त्रुटियों के स्रोत
9.16 उर्वरक अनुशंसाओं के लिए जीआईएस, जीपीएस और रिमोट सेंसिंग का उपयोग
9.17 ट्रैक्टरों पर भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियाँ
9.18 भूस्थानिक प्रौद्योगिकियों की भूमिका
9.19 परिवर्तनीय (चर) प्रौद्योगिकी
9.20 मृदा परीक्षण आध्रित पफसल प्रतिक्रिया (Soil Test Crop Response)
9.20.1 मृदा परीक्षण फसल उपज
9.21 एसटीसीआर (STCR) तथा वांछित उपज अवधरणा
9.22 एसटीसीआर के उद्देश्य और लाभ
पाठ्य मूल्यांकन
10. नैनो प्रौघौगिकी
10.1 परिचय
10.2 नैनो तकनीकः उद्भव एवं विकास (Evolution and development)
10.3 नैनो तकनीकः अवधरणा
10.3.1 बाॅटम-अप अवधरणा
10.3.2 टाॅप-डाउन अवधरणा
10.4 नैनोकणः भौतिक और रासायनिक गुण
10.4.1 नैनोकणों का पारस्परिक अंतःक्रियाएं
10.5 साधन एवं तकनीक
10.5.1 तकनीक
10.6 नैनोस्केल प्रभाव
10.7 नैनो तकनीक के वर्तमान उपयोग एवं भारतीय परिदृश्य
पाठय मूल्यांकन
11.नैनो तकनीक का कृषि मेें उपयोग
11.1 कृषि अनुप्रयोगों के लिए प्रयुत्तफ नैनोकणों के प्रमु गुणधर्म
11.2 नैनो प्रोधौगिकी एवं कृषि सम्बन्धी अनुप्रयोग
11.3 नैनो उर्वरक
11.3.1 नैनो उर्वरकों की श्रेणियां
11.3.2 पौधें में नैनो उर्वरकों व नैनोकणों की सहभागिता (Uptake, translocation, and fate of Nanofertilizers in plants)
11.3.3 नैनो उर्वरक और पारंपरिक उर्वरक
11.3.4 नैनो उर्वरकः वर्तमान संभावनाएं
11.3.5 आवश्यक पोषक तत्वों हेतु नैनो उर्वरकों का उपयोग
11.3.6 बाजार में उपलब्ध नैनो उर्वरक
11.4 नैनो कीटनाशक
11.4.1 नैनो कीटनाशकों के उपयोग हेतु श्रेणियाँ
11.4.2 नैनो-कीटनाशकों के अनुप्रयोग से लाभ
11.5 पादप रोग नियंत्राण हेतु नैनोप्रोधौगिकी ; नैनोकणों का उपयोग
11.6 पादप नैनोबायनिक्स
11.7 नैनो बायोसेंसर
11.8 खाद्य उद्योग में नैनोप्रोधौगिकी
11.9 कृषि अपशिष्ट प्रबंधन हेतु नैनोप्रोधौगिकी का उपयोग
11.10 पशुधन उत्पादन हेतु नैनोप्रोधौगिकी का उपयोग
11.11 फसल जैव प्रोधौगिकी और नैनोप्रोधौगिकी
11.12 नैनो तकनीक के कृषि में उपयोग में आने वाली कठिनाईयां
पाठ्य मूल्यांकन